बैटरी पर जीएसटी दर 28 से घटाकर 5% करने की मांग, लैड भी 18 से 5% पर आए
काेरोना महामारी पर काबू पाने के लिए सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। बहुत अच्छे प्लान हैं। छोटे बैटरी उद्यमियों को अभी लोगों की सैलरी देनी होगी लेकिन पैसा तो है नहीं। हर आदमी इतना भार नहीं उठा सकता। सरकार से इतना सपोर्ट चाहिए कि बैंक अपने टर्म लोन की अदायगी की किश्त 6 महीने आगे बढ़ा दे। हम एमएसएमई वाले साथ देेने के लिए खड़े हैं, जैसे बार्डर पर फाैजी लड़ता है, हम भी लड़ेंगे। हमें देेश के साथ चलना है।
बहुत से बैटरी उद्यमियों ने लोन लेकर फैक्ट्रियां डाली हुई हैं। अचानक उन पर यह गाज़ गिर गई है। उसे खाली बैठी लेबर को दो महीने की तनख्वाह देनी है, फैक्ट्री के अनेक खर्चे उसके जिम्मे हैं। बंद फैक्ट्री का बिजली का बिल देना है, बंद पानी का बिल भी जायेगा, इंकमटैक्स, सेल्सटैक्स के सारे खर्चे चालू हैं। सरकार व्यापारी को इतना सपोर्ट करे कि टर्म लोन के इंस्टालमेंट को 6 महीने आगे बढ़ा दे। जो उद्यमी 6 महीने पहले लाइन में आया था उसके सिर पर तो यह पहाड़ गिरने जैसा है। |
इसके अतिरिक्त बैटरी उद्यमी को बैंक द्वारा स्वीकृत की गई सीसी लिमिट को कम से कम 25 प्रतिशत तक एक वर्ष की अवधि के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। इस समय डाउनफाल बहुत ज्यादा है। उद्योग में आए नए आदमी को साथ लेकर चलना है। आने वाले समय में वे ही तो सितारे बनकर चमकेंगे। यह बढ़ी हुई 25 प्रतिशत सीसी लिमिट कम से कम एक वर्ष के लिए जारी रहनी चाहिए। एक महीना तो इंवेस्टमेंट कहाँ करना है की सोच में और साल का आखिरी महीना लोगों का पैसा चुकाने में लग जाता है। काम के लिए केवल 10 महीने बचते हैं।
लेबर की समस्या
हिन्दुस्तान के छोटी बैटरी यूनिट्स में ज्यादातर लेबर बिहार और यूपी की है। लॉकडाउन के कारण उन्हें परेशानी हुई और वे काफी संख्या में घर भी लौट गए हैं। अब लेबर थोड़ी मुश्किल से आएगी। जो लेबर आएगी वह भी डबल सैलरी पर मिलेगी। बैटरी इंडस्ट्री के सामने लेबर की समस्या आयेगी। इसे फेस करना होगा।
जीएसटी 5 प्रतिशत हो
मेरा सुझाव है कि यदि बैटरी पर जीएसटी की दर 28 से घटाकर 5 प्रतिशत और लैड पर 18 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी जाए तो मेरा मानना है कि इस क्षेत्र से सरकार का रेवेन्यू डबल नहीं तो डेढ़ गुना तो अवश्य हो जाएगा। इससे फर्जी बिलों का काम खत्म हो जाएगा। मार्केट के अंदर का एक फ्राड निर्मूल हो जाएगा। इसके बाद हिंदुस्तान में भी विदेेेेशों की तरह 100 प्रतिशत एक नंबर का काम हो जाएगा।
प्रस्तुित – चन्द्र मोहन